कर्ज से मुक्ति के लिये धूमावती साधना

Published by Ashok Prajapati on

कुंडली का बारहवें घर से मोक्ष, मृत्यु के बाद जातक का धन, विदेश में मृत्यु, विदेश यात्रायें, बैंक से ऋण या किसी भी प्रकार का लोन, व्यक्ति की शिक्षा पूरी होने के बाद का समय, पिता का भाई, बायीं आँख, नींद में कमी आदि का विचार किया जाता है | व्यक्ति की मजबूरी, परेशानी, चिंता और दयनीय स्थिति का कारण कुंडली का बारहवां घर ही होता है | यदि कोई व्यक्ति आपकी स्थिति का लाभ उठा कर स्वयं अच्छी स्थिति में आ जाए तो समझ लें कि बारहवें घर का असर है |

परन्तु आज मैं केवल कर्ज से जुड़े विषय के बारे में जो कुछ मैंने अनुभव किया है वह अपने पाठकों बताता हूँ | 

क़र्ज़ लेना और देना दोनों प्रकार की स्थिति में जन्मकुंडली के बारहवें घर का काफी योगदान रहता है यदि कुंडली का बारहवा स्थान या घर दूषित या कमजोर हो तो कर्ज की स्थिति उत्पन्न होती है | एक और दूसरा और ग्यारहवां घर व्यक्ति की आय को नियंत्रित करता है दूसरी और खर्च का स्थान कहा जाने वाला बारहवां घर व्यक्ति की जमा पूँजी को खर्च करता है | 

 आपके हाथ में पैसा नहीं रुकता है तो बारहवें घर पर ध्यान देने की आवश्यकता रहती है | यदि आप अपने लोन की किश्त नहीं भर पा रहे हैं और आपको यह चिंता सता रही है कि कैसे होगा तो यही एक स्थान है जिसमे उत्तर छिपा है | 

 राहू व्यक्ति को लालच देता है | इस ग्रह के चमत्कार देखिये जब व्यक्ति को क़र्ज़ लेना होता है या किसी व्यक्ति को पैसा देना होता है तब वातावरण और परिस्थितियों को ऐसा बना देता है कि व्यक्ति कर्ज लेने और देने पर मजबूर हो जाता है |
जब वापस पैसा लेने की बात आती है या लोन की किश्तों का सिलसिला चलता है तब तक राहू अपना काम कर चुका होता है | अब परिस्थितियों कुछ और होती हैं | इसलिए राहू का सम्बन्ध जब कुंडली के बारहवें घर से होता है तो लोन की किश्त चुकाना मुश्किल तो कभी कभी असंभव हो जाता है | जन्मकुंडली के चौथे आठवे और बारहवें घर में राहू हो तो व्यक्ति की यही स्थिति होती है | 

  कुंडली के बारहवें घर में जो राशि होती है उसका स्वामी ग्रह व्यक्ति की नींद उड़ाकर रखता है | उदाहरण के लिए बारहवें घर का स्वामी यदि कुंडली के दूसरे घर में है तो व्यक्ति अपने परिवार की और से परेशान रहेगा | या तो परिवार में कलह अधिक होगा या फिर व्यक्ति अपने खान पान के असंतुलन की वजह से स्वास्थ्य की समस्याओं से ग्रस्त होगा | इसी तरह यदि कुंडली के बारहवें घर का स्वामी सातवें घर में बैठा हो तो विवाह में काफी विलंभ होता है | इस वजह से व्यक्ति लगातार परेशान रहता है | बारहवें घर का स्वामी यदि पांचवें घर में हो तो व्यक्ति अपने जीवन में प्रेम संबंधों को लेकर लम्बे समय तक परेशान रहता है | 

 परेशानियों में घिरे लोग, मजबूर और अपाहिज व्यक्तियों का बारहवां घर काफी खराब देखा गया है | विदेश से वापस न आ पाना या विदेश में किसी मजबूरी में फंस जाना, समाज में बेवजह बदनाम हो जाना, बेकसूर होते हूए भी सजा भुगत रहे लोगों का बारहवां घर काफी खराब होता है |

 अब आते हैं परिहार पर | यदि बारहवें घर के दुष्परिणाम को आप भी जीवन में अनुभव कर रहे हैं तो जिन्दगी ख़त्म नहीं हुई है | आवश्यकता है परिस्थितियों पर विजय पाने की | धूमावती महाविद्या की ऐसी शक्ति हैं जो व्यक्ति की दीन हीन अवस्था का कारण हैं | विधवा के आचरण वाली यह महाशक्ति दुःख दारिद्रय की स्वामिनी होते हुए भी अपने भक्तों पर कृपा करती हैं परन्तु इनकी साधना अत्यंत कठिन है | रात्री के समय शमशान या किसी वीराने में, बंजर भूमि या जंगल में, आबादी से दूर, पर्वत पर या निर्जन स्थान पर इनकी साधना की जा सकती है | 

परन्तु गुरु का निर्देश मिलने पर ही यह साधना आरम्भ करें | बिना अनुभव, बिना ज्ञान या केवल किताब पढ़कर की गई साधना आपका अहित भी कर सकती है | घर में तो कदापि न करें | 

मंत्र है | 

धूं धूं धूमावती ठः ठः 

धूमावती की साधना के पश्चात ऋण को समाप्त करने के साधन जुटने लगेंगे और आपके आर्थिक फैसले आपके पक्ष में जाने लगेंगे | कर्ज लेकर यदि कोई मुकर गया है तो वह व्यक्ति आपका पैसा लौटाने के लिए मजबूर होता दिखाई देगा |

जय श्री राम |

 

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