मांगलिक से शादी करें या न करें

जन्मकुंडली मिलान के लिए किसी भी तरह की जल्दबाजी करना दुष्कर होता है | थोड़ी सी गलती की वजह से किसी का जीवन बर्बाद हो सकता है | कभी कभी लोग केवल इस आधार पर शादी कर देते हैं कि दोनों मांगलिक हैं | इसलिए कुछ और देखने की आवश्यकता नहीं है | आंशिक मांगलिक के साथ घोर मांगलिक व्यक्ति का विवाह कर दिया जाता है | इससे होता यह है कि उम्र तो साथ कट जाती है परन्तु पूरी जिन्दगी अभाव, चिंता, लड़ाई झगड़े और बहसबाजी में निकल जाती है |
किसी का क्या दोष यदि उपयुक्त वर या वधु की तलाश में उम्र निकली जा रही हो और हर आने वाले रिश्ते से उम्मीद लगाए वर / वधु अन्दर ही अन्दर ज्योतिष को कोसते रहें | मैं मांगलिक क्यों हूँ या मेरी शादी में देर क्यों हो ? इन प्रश्नों का कोई आधार नहीं |
मेरा मानना यह है कि यदि आपको सही राय और जानकारी मिले तो इसमें भी आपकी किस्मत है | कभी कभी सस्ते के चक्कर में या जल्दबाजी में हम ज्योतिषी की योग्यता को नहीं देख पाते | एक ज्योतिषी को अपने आप को साबित करना चाहिए ताकि ज्योतिष पर से किसी का विशवास न उठे | इसी प्रयास के साथ मैंने अपना रोज का काम यानी कुंडली मिलान और मैं यह सब कैसे करता हूँ आपके सामने रखा है ताकि आपको ज्ञात रहे कि वास्तव में कुंडली मिलान होता क्या है |
ऊपर दी गई कुंडली में जो हरे निशान हैं वे सब कुंडली मिलान के लिए उत्तम योग हैं | बायीं और की कुंडली पुरुष और दायीं और की कुंडली स्त्री की है | पुरुष की कुंडली में पहला निशान शुक्र पर है | शुक्र यानी पत्नी | मिथुन राशिगत शुक्र लग्न में है और गुरु, मंगल और केतु की दृष्टि शुक्र पर है | 6 अंश का यह शुक्र कुल मिलाकर शुभ है | इसके बाद दूसरा अच्छा योग है बुध और शुक्र का आपस में स्थान परिवर्तन जो कि आपसी तालमेल और जीवन में ऐश्वर्य का सुख देने के लिए काफी है | पांचवें घर (प्रेम स्थान)में तुला राशि और सातवें घर (विवाह का स्थान) में धनु राशि है | तुला यानी शुक्र और धनु यानी गुरु | दोनों केंद्र त्रिकोण में हैं और गुरु शुक्र को देख रहा है | यह प्रेम विवाह का एक उत्तम योग है | ऊपर से केतु की दृष्टि आग में घी का काम कर रही है इसलिए सम्बंधित स्थानों में हरा बिंदु है | सातवें स्थान का स्वामी नौवें स्थान में शुभ स्थिति में है | यह विवाह से सुख का योग है | इसके अतिरिक्त भी कई अच्छे योग इस कुंडली में हैं परन्तु इस व्यक्ति से जो भी विवाह करेगा उसका दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा |री कुंडली पर आते हैं | इसमें शनि की दृष्टि लग्न में अपनी राशि पर है यानी स्वास्थ्य अच्छा कद लम्बा प्रभावशाली व्यक्तित्व | पांचवें और सातवें स्थान के स्वामी सूर्य और बुध एक साथ दुसरे घर में बैठे हैं जो कि अपने परिवार का स्थान है यानी प्रेम विवाह सबकी रजामंदी से घर वालों की उपस्थिति में होगा | लड़की की कुंडली है इसलिए गुरु यानी पति अच्छी स्थिति में है | शुभ दृष्टि से सातवें घर को देख रहा है | यानी पति से प्यार रहेगा | ससुराल का प्यार भी मिलेगा | केतु इस काम को और जल्दी करेगा यानी मांगलिक योग में कमी | उच्च राशि का मंगल दोनों और राहू और शनि यानी विदेश यात्रा का योग और अच्छा खासा करियर | सब कुछ ठीक है |
परन्तु इस मिलान के लिए मैंने अपनी और से न कर दी है | कारण यह है कि इस स्त्री के पति की आयु को नीच राशि का बुध नुक्सान पहुंचा रहा है | बुध इस कुंडली में मारक है और सातवें घर के स्वामी सूर्य के साथ मारक स्थान में बैठा है | पति का सुख सीमित है | लाल निशान कुंडली के ऐसे बुरे योग हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता | अष्टकवर्ग, नक्षत्र मिलान और नवमांश में भी ऊपर लिखी बातों का कोई हल नहीं मिला |दूसरी और कुंडली मिलान के लिए प्राप्त अंक भी केवल 15 हैं जो कि काफी कम हैं |
1 Comment
diposhri · July 25, 2014 at 10:51 am
I am totally disturbed . I love a guy . we are into relationship from past three years. But now he is refusing me to marry.