हस्तरेखा और मेलापक
हस्तरेखा के ज्ञान को मेरे लिए व्यक्त करना अत्यंत कठिन है क्योंकि चित्रों के बिना हर बात को बताना संभव भी नहीं है | और इस सब के लिए काफी समय की आवश्यकता पड़ती है |
आज से दस साल पहले की यदि बात करें तो लोग जन्मकुंडली की अपेक्षा हस्तरेखा में अधिक विश्वास रखते थे | जन्मकुंडली का चलन आजकल बढ़ गया है | मेरे पास रोज लोग कुंडली दिखाने के लिए आते हैं | इनमे से भी वे लोग अधिक होते हैं जिनके पास कुंडली या जन्म समय नहीं है और मिलान करना है |
आप भी सोच रहे होंगे कि कुंडली मिलान बिना कुंडली के कैसे संभव है ? इसका उत्तर है कि दो लोगों के हाथों की रेखाओं से वैसा मिलान संभव नहीं है जैसा कुंडली से होता है परन्तु मोटी मोटी बातों का पता लगाया जा सकता है | ऐसे विवाहित जोड़े जिनकी जिन्दगी आपस में बड़े ही प्यार से गुजरी मेरे लिए महत्वपूर्ण थे इसलिए मैंने ऐसे लोगों के हाथों की रेखाओं को अपने पास सुरक्षित रखा | कुल २१ लोगों के हाथों का मानचित्र मेरे पास सुरक्षित है जिनके हाथों की रेखाओं का अध्ययन करने काफी रोचक बातें सामने आई | समय समय पर इन्ही कुछ तथ्यों का प्रयोग मैं मिलान के लिए किया करता हूँ |
जीवनरेखा और मेलापक
जीवन रेखा के विषय में रोचक बात यह है कि सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए इस रेखा से वर वधु दोनों के हाथों में दोनों के जीवन काल का अंतर पता चलता है | यदि दोनों की जीवनरेखा में भारी अंतर हो तो मिलान संभव नहीं होता |
भाग्यरेखा और मेलापक
भाग्यरेखा का दोनों के हाथों में अंतर पाया जाना भी इस बात का सूचक है कि दोनों के रास्ते अलग अलग हैं | भाग्यरेखा की लम्बाई को नापकर उम्र के अलग अलग हिस्से का पता लगाया जाता है | यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि भाग्य रेखा पर कहाँ कहाँ किसी और रेखा ने कोण बनाया है | दोनों की भाग्यरेखा में अंतर किस उम्र में है, कहाँ से भाग्य रेखा शुरू हो रही है और कहाँ आकर भाग्य रेखा ख़त्म होती है यह बातें बहुत मायने रखती हैं |
विवाह रेखा और मेलापक
इस रेखा की लम्बाई और इस रेखा के आसपास की रेखाओं का निरीक्षण करने पर यह पता लगाया जा सकता है कि परस्पर लगाव कितना रहेगा | यह रेखा जीवन साथी की होती है इसलिए इस रेखा का दोनों हाथों में अंतर पाया जाना अच्छा नहीं माना जाता | एक के हाथ में इस रेखा का छोटा होना तथा दुसरे के हाथ में इस रेखा का लम्बा होना ठीक नहीं होता | किसी भी प्रकार का निशान, तिल, लहरदार रेखा, रंग, लम्बाई, मोटाई, झुकाव और सह रेखाओं का अध्ययन करके मिलान किया जाता है | आदि, मध्य और अन्त्य नाड़ी का मिलान विवाह रेखा और स्वास्थ्य रेखा के बीच के क्षेत्र से होता है |
इसके अतिरिक्त मणिबंध, शुक्र पर्वत, गुरु पर्वत, मंगल पर्वत और चन्द्र रेखा भी मिलान के लिए आवश्यक अंग हैं | इस संबंध में और जानकारी के लिए पाठक मेरे अगले लेख का इन्तजार करें जिसमे मैं शुक्र और गुरु पर्वत के वैवाहिक जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के विषय में बताऊंगा |
5 Comments
Manisha · February 16, 2016 at 7:08 pm
Married date
M.b chaitra (devamanni) · February 20, 2017 at 2:00 pm
when will i get married ? in which age ?
creativehelper · February 23, 2017 at 11:39 am
You have not shred your birth date.
Jay · March 15, 2018 at 10:23 am
17/10/1987
Place:- dhar madhya pradesh
Time:- 4:13 Am
I have kemdrum yog?
Please tell me about that
creativehelper · March 15, 2018 at 10:43 am
Do not worry a lot of people have this yog already but they are celebrities. Everything what is written in books does not happen like that.